गाजियाबाद, मेरठ हाइ-वे पर महेंद्रपुरी कट के पास स्थित मोदी कपड़ा मिल में बुधवार सुबह मिल प्रबंधन व मजदूरों के बीच झड़प हो गई। आरोप है कि मिल प्रबंधन की ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग की गई, जिसमें दो मजदूरों को गोली लगी है। करीब 15 साल से बंद पड़ी मोदी कपड़ा मिल के मजदूरों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन चोरी-छिपे मिल में पड़ा स्क्रैप बेचना चाहता है।
बुधवार को प्रबंधन स्क्रैप निकालने की कोशिश कर रहा था, तभी सैकड़ों की संख्या में मजदूर पहुंच गए। सूचना के बाद थाना प्रभारी के साथ सीओ मोदीनगर केपी मिश्र, एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन मौके पर पहुंचे और आसपास के कई थानों की फोर्स मौके पर बुलाई गई। पुलिस अधिकारी प्रबंधन के लोगों को मिल से बाहर निकाल और मजदूरों को शांत कराने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
गौरतलब हो कि मोदी कपड़ा मिल करीब 15 साल पूर्व बंद हो गई थी। उस समय मिल में हजारों की संख्या में कर्मचारी काम कर रहे थे। मिल बंद होते समय मजदूरों को उनका भुगतान नहीं मिला था। उसी समय से मजदूरों और मिल प्रबंधन के बीच भुगतान को लेकर खींचतान चली आ रही है। मजदूरों का आरोप है कि लंबे समय से प्रबंधन चोरी-छिपे मिल में पड़ा स्क्रैप बेचने की फिराक में है। मिल की मशीनरी व अन्य उपकरण रखे हैं, जिनकी कीमत आज भी करोड़ों रुपये में है।
मजदूरों का आरोप है कि बुधवार सुबह 10 बजे उन्हें सूचना मिली की प्रबंधन के कई लोग मिल में घुसे हैं। इसके आधार पर 100-150 मजदूर मिल पहुंचे। आरोप है कि प्रबंधन ने निजी सुरक्षाकर्मियों और बाउंसरों को लगा रखा था। पीछे के रास्ते प्रबंधन स्क्रैप निकालने में जुटा था। सैकड़ों मजदूरों ने विरोध किया तो पहले उनसे मारपीट की गई। इस कारण हंगामा हुआ और जमकर पथराव किया गया। आरोप है कि मिल प्रबंधन के लोगों ने करीब तीन दर्जन राउंड फायरिंग की, जिस कारण मौके पर हड़कंप मच गया।
आरोप है कि फायरिंग में दो मजदूरों को गोली लग गई देखते ही देखते 400-500 मजदूर मिल पर जुट गए और उग्र प्रदर्शन करने लगे। वहीं फायरिंग की सूचना के बाद पुलिस विभाग में भी हड़कंप मच गया और तुरंत स्थानीय थाना पुलिस के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
बवाल की आशंका को देखते हुए करीब 8-10 थानों की फोर्स भी मौके पर बुला ली गई। ताजा जानकारी के मुताबिक प्रबंधन के लोगों को मिल से निकालकर मोदीनगर थाने भिजवाया गया है। उग्र मजदूरों को पुलिस अधिकारी समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस की ओर से फायरिंग के आरोप में प्रबंधन के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आश्वासन दिया जा रहा है।